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नींबू मिर्च बांधने वाले बच्चे फर्स्ट डिवीजन पास, जानिए संघर्ष की दास्तां

 हौंसलों को मिला सहारा तो उम्मीदों ने भरी उड़ान झुग्गी झोपड़ी तथा मलिन बस्ती के बच्चों ने बोर्ड परीक्षाओं में किया शानदार प्रदर्शन  आर्मी, शिक्षक, वकील और पुलिस बनकर देशसेवा करने का जज्बा  कहते हैं जिनके अंदर हुनर है, चाहे कितनी भी मुश्किलों क्यों न हो वो अपना रास्ता तय कर ही लेता है। अभावों में कदम तो रुक सकते हैं, लेकिन हौसले नहीं टूटते। वह खुली आंखों से बड़े सपने देखते हैं, बल्कि उन्हें पाने के लिए जमकर मेहनत भी करते हैं। इन सपनों को जब निडर हौसलों के पंख लगते हैं, तो वह कुछ भी कर गुजरते हैं और अपनी कहानी खुद लिखते हैं। दुष्यंत कुमार ने भी कहा है कि “कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो“। सपनों को उड़ान भरने में वक़्त नही लगता जब सपनों के पंखों को निडर हौसलों को हवा का सहारा मिल जाये। कुछ ऐसा ही आगरा के गुदड़ी के लालों ने कर दिखाया। झुग्गी झोपड़िया में रहकर नींबू मिर्च बांधकर लोगों की नजर उतारने वाले बच्चे लीक से हटकर एक ऐसी लकीर खींचने को बेकरार हैं। जिसको भविष्य में कोई अन्य काट न सके। ये बच्चे चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस के संपर्क में आकर सोन

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