दस साल बाद बेटे को मिले बिछुड़े मां बाप तो भर आईं आंखें #NareshParas
बेंगलुरु से भाई की तलाश में आया था आगरा
मां बोली बेटा धो दिया मेरे माथे का कलंक
चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस के सहयोग से बेटे को मिला बिछड़ा परिवार
अक्सर फिल्मों में देखा गया है कि बचपन में परिवार और भाई बिछुड़ते हैं तो जवानी में मिलते हैं। इस पर तमाम फिल्में भी बनी है लेकिन यह कहानी फिल्मी नहीं बल्कि एक सच्ची घटना है। दस साल पहले बिछुड़े बेटे को जब अपने मां-बाप जवानी में मिले तो बेटे के साथ साथ मां और बाप दस साल बाद बेटे को मिले बिछुड़े मां बाप तो आंखें भर आईं। पूरा परिवार आपस में लिपटकर खूब रोया।
आगरा फोर्ट पर बिछड़ा भाई
विकास ने बताया कि उसके माता-पिता आगरा किले के सामने झुग्गी झोपड़ियों में रहते थे। 2012 में उसकी मां दो वर्ष के छोटे भाई बाबा साहब के साथ आगरा फोर्ट स्टेशन पर भीख मांग रही थी। उसी दरमियान एक महिला एवं एक पुरुष उस बच्चे को वहां से ले गए। विकास को जानकारी हुई तो वह खोजने के लिए ट्रेन में बैठ गया और जा पहुंचा अहमदाबाद। पुलिस ने उसे एक बाल गृह में दाखिल करा दिया। बाल गृह कर्मचारियों ने थाना रकाबगंज में सूचना दी। जिस पर परिवार विकास को लेने अहमदाबाद चला गया। लौटते समय पैसे खत्म हो जाने के कारण सभी लोग जयपुर उतर गए। वहां रहकर मजदूरी करने लगे लेकिन विकास अपने भाई को खोजने के लिए फिर ट्रेन में बैठ गया और आगरा कैंट पर फिर पकड़ा गया। यहां से उसे बाल गृह में निरुद्ध करा दिया गया। बाल गृह में इसका छोटा भाई बाबा साहब पहले से ही मौजूद था। दोनों ने बाल गृह के किसी भी कर्मचारी को नहीं बताया कि वह सगे भाई हैं। दस साल की आयु पूरी करने के बाद विकास को राजकीय बाल गृह बालक फिरोजाबाद भेज दिया गया। वहां से 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर उसे लखनऊ भेज दिया गया। लखनऊ से एक बेंगलुरु की संस्था उसे बेंगलुरु ले गई जहां एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी दिला दी। उधर छोटा भाई भी बड़ा होने लगा और दस साल की उम्र पूरी करने के बाद उसे बालगृह बालक फिरोजाबाद में स्थानांतरित कर दिया गया। विकास अपने भाई से मिलने के लिए फिरोजाबाद बाद बालगृह आया तो उसे पता चला कि उसके छोटे भाई को इटली की दंपत्ति को गोद दिया जा रहा है। उसे अपनी सुपुर्दगी में लेने के लिए विकास ने आगरा तथा फिरोजाबाद प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन उसकी कहानी पर किसी ने विश्वास नहीं किया।
बाल अधिकार कार्यकर्ता मिला साथ तो राह बनी आसान
आगरा आने पर विकास की मुलाकात बच्चों के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाले चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस से हुई। विकास ने उनसे लिखित मदद मांगी। नरेश पारस ने इस संबंध में फिरोजाबाद के डीएम तथा बाल कल्याण समिति को पत्र लिखें। आगरा डीएम के सामने समक्ष प्रस्तुत कराया क्योंकि कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में विकास के छोटे भाई को गोद देने के आदेश जारी कर दिए थे इसलिए आपत्ति कोर्ट में ही दर्ज करानी थी लेकिन कोर्ट बंद होने के कारण आपत्ति दर्ज नहीं कराई जा सकी। कोर्ट खुलने पर जुलाई के प्रथम माह में उसकी आपत्ति दर्ज कराई। कोर्ट ने 23 जुलाई को कोर्ट के समक्ष बच्चे को प्रस्तुत करने के आदेश बालगृह अधीक्षक को जारी किए।
झुग्गी झोपड़ियों में चला सर्च ऑपरेशन
विकास को कोर्ट की पैरवी आगरा में करनी थी इसलिए नरेश पारस ने विकास को आगरा में ही ठहरा दिया। विकास लगातार बता रहा था कि वह आगरा किले के सामने झुग्गी झोपड़ियों में रहता था लेकिन उसे पता नहीं मालूम था क्योंकि दस साल बीत चुके हैं। ऐसे में नरेश पारस विकास को साथ लेकर आगरा किले की सामने की झुग्गी झोपड़ियों में तलाश में जुट गए। काफी पूछताछ करने के बाद आखिरकार विकास का परिवार मिल ही गया। जब विकास के पिता राजकुमार से विकास ने पूछा तो उनको विश्वास नहीं हुआ उन्होंने कहा कि मेरे बेटे के माथे पर चोट का निशान था जब वह चोट का निशान देखा तो समझ में आ गया कि यह उनका बेटा है। विकास ने अपने पिता के पैर छुए तो उन्होंने उठाकर सीने से लगा लिया। मां सुनीता से गले मिला तो मां बेटे दोनों की आंखें भर आईं। मां रोते हुए बोली बेटा तूने मेरे माथे का कलंक धो डाला। तुम दोनों भाइयों के गायब होने के बाद मुझसे कहा जाता था कि तूने दोनों बच्चों को बेच दिया है। मेरी बात पर कोई भरोसा नहीं करता था लेकिन तेरे आने से वह बात झूठी हो गई। परिवार के सभी सदस्यों ने कहा कि अब छोटे बेटे को सुपुर्दगी में लेने के लिए पूरा परिवार पैरवी करेगा। विकास का छोटा भाई कनुआ और बहन लक्ष्मी भी बहुत खुश थी। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोग भी बहुत खुश थे।
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https://www.tv9hindi.com/state/uttar-pradesh/agra-family-found-his-son-after-10-years-in-uttar-pradesh-news-au151-1346699.html
Agra News: आगरा फोर्ट स्टेशन से लापता हुआ बच्चा 10 साल बाद मिला, मां-बाप हुए भावुक ABP Ganga News नितिन उपाध्याय
Updated at: 17 Jul 2022 02:04 AM (ISThttps://www-abplive-com.cdn.ampproject.org/v/s/www.abplive.com/states/up-uk/agra-child-missing-from-agra-fort-station-found-after-10-years-in-up-ann-2169616/amp?amp_gsa=1&_js_v=a9&usqp=mq331AQIUAKwASCAAgM%253D#amp_tf=From%2520%25251%2524s&aoh=16785915830260&referrer=https%253A%252F%252Fwww.google.com&share=https%3A%2F%2Fwww.abplive.com%2Fstates%2Fup-uk%2Fagra-child-missing-from-agra-fort-station-found-after-10-years-in-up-ann-2169616News 18 Hindi JULY 17,2022, 17:04 IST Reported by Kamir Quraishi Edited by : Neha Chauhan
आगरा: ये कहानी फ़िल्म की नही हकीकत है! दस साल पहले बिछुड़े बेटे से मिले मां बाप तो भर आई आंखें...UP18 News July 16, 2022
बेंगलुरु से भाई की तलाश में आया था आगरा , 10 वर्ष बाद आगरा की झुग्गी झोपड़ी में मिले मां बाप Dainik Jagran By Tanu GuptaEdited By:Published: Sat, 16 Jul 2022 12:31 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jul 2022 12:31 PM (IST)
आगरा: एक बच्चे के दो दावेदार, 'बाल कल्याण समिति' कैसे सुलझाएगी उलझी पहेली etv Bharat Published : Jul 31, 2022, 1:30 PM IST
17 July 2022 12:24 AM
https://jantaserishta.com/local/uttar-pradesh/finding-the-lost-younger-brother-and-parents-10-years-agoif-he-had-been-late-for-a-few-minutes-1386933
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10 साल बाद परिवार से मिले बिछड़े भाई:आगरा में हकीकत हुई फिल्मों की कहानी; गले लगकर खूब रोए परिवार के लोग
Dainik Baskar
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Agra: 10 साल बाद मिला बेटा तो फफक पड़ी मां, छोटे भाई की तलाश में बिछड़ गया था परिवार से
अमर उजाला ब्यूरो, आगरा Published by: मुकेश कुमार Updated Sat, 16 Jul 2022 09:22 PM IST
https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/agra/a-family-found-his-son-after-10-years-in-agraAgra:
पहले छोटा बेटा बिछड़ा, ढूंढने निकला दूसरा बेटा भी हुआ लापता, 10 साल बाद एक हुआ परिवार, पढ़ें पूरी कहानी
Nav Bharat Times Guest Sunil-kumar | Lipi 17
Jul 2022, 10:25 am
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