16 माह बाद पिता से मिला रवि #NareshParas


अमर उजाला कॉम्पैक्ट 30 मई 2012 

           रवि नामक एक दस वर्षीय बालक पुलिस को लावारिस घूमता हुआ आगरा में मिला था.पुलिस ने उसे आगरा के राजकीय बाल गृह (शिशु) में निरुद्ध करा दिया.16 माह बाद जब नरेश पारस बाल गृह पहुंचे तो बच्चे से बातचीत की तो उसने अपना पता धिमिश्री आगरा बताया.नरेश पारस ने शमशाबाद धिमिश्री के रहने वाले अपने मित्र धर्मेन्द्र लवानिया से संपर्क किया और बच्चे के फोटो सहित उसकी जानकारी दी.धर्मेन्द्र लवानिया ने रवि के पिता राजकुमार को ढूंढकर नरेश पारस को बता दिया.नरेश पारस ने राजकुमार से संपर्क किया.राजकुमार ने बताया कि रवि 16 माह पूर्व घर से खेलते समय गायब हो गया था.थाने में उसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी.रवि ने बताया कि वह रास्ता भटक गया था पुलिस ने उसे पकड़ लिया था और बाल गृह भेज दिया.नरेश पारस ने राजकुमार को 29 मई 2012 को बाल गृह बुलबाया और रवि से मिला दिया.16 माह बाद एक दूसरे को देखकर पुत्र आपस में लिपटकर खूब रोये.नरेश पारस ने बाल कल्याण समिति से लिखा पढ़ी कराकर रवि को उसके पिता के सुपुर्द करा दिया.

  
         रवि नामक एक दस वर्षीय बालक पुलिस को लावारिस घूमता हुआ आगरा में मिला था.पुलिस ने उसे आगरा के राजकीय बाल गृह (शिशु) में निरुद्ध करा दिया.16 माह बाद जब नरेश पारस बाल गृह पहुंचे तो बच्चे से बातचीत की तो उसने अपना पता धिमिश्री आगरा बताया.नरेश पारस ने शमशाबाद धिमिश्री के रहने वाले अपने मित्र धर्मेन्द्र लवानिया से संपर्क किया और बच्चे के फोटो सहित उसकी जानकारी दी.धर्मेन्द्र लवानिया ने रवि के पिता राजकुमार को ढूंढकर नरेश पारस को बता दिया.नरेश पारस ने राजकुमार से संपर्क किया.राजकुमार ने बताया कि रवि 16 माह पूर्व घर से खेलते समय गायब हो गया था.थाने में उसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी.रवि ने बताया कि वह रास्ता भटक गया था पुलिस ने उसे पकड़ लिया था और बाल गृह भेज दिया.नरेश पारस ने राजकुमार को 29 मई 2012 को बाल गृह बुलबाया और रवि से मिला दिया.16 माह बाद एक दूसरे को देखकर पुत्र आपस में लिपटकर खूब रोये.नरेश पारस ने बाल कल्याण समिति से लिखा पढ़ी कराकर रवि को उसके पिता के सुपुर्द करा दिया.
  

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