हेमलता को बाराबंकी से कराया मुक्त #NareshParas





आगरा डीआईजी कार्यालय में बाराबंकी से एक अनजान पत्र आया। पत्र कॉपी के पेज पर लिखा गया था। उसमें लिखा था कि मैं आगरा सिकन्दरा की किशोरी हूं और बाराबंकी में कैद में हूं। मुझे मुक्त करा लीजिए। डीआईजी ने यह पत्र जांच के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को भेज दिया। इस पर को एक मजाक समझकर किसी ने कार्यवाही नहीं की। नरेश पारस को जब इस पत्र की जानकारी हुई तो नरेश पारस ने आगरा के एसपी क्राइम से मुलाकात कर पूरा मामला बताया। आगरा एसपी क्राइम ने बाराबंकी पुलिस को पत्र लिखा। नरेश पारस ने सोशल मीडिया तथा अपने अन्य सूत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त की। पुलिस के सहयोग से हेमलता को एक 55 वर्षीय अधेड़ से मुक्त करा लिया। हेमलता 16 वर्ष की नाबालिग किशोरी थी। उसे लखनऊ के बालिका निकेतन भेज दिया। इधर नरेश पारस ने आगरा में हेमलता के परिवार के तलाश शुरू कर दी। कुछ ही दिनों में नरेश पारस ने हेमलता के परिजनों को भी ढूंढ लिया। हेमलता का परिवार सिकन्दरा आगरा का निकला। जब नरेश पारस ने  हेमलता के परिवार को उसकी जानकारी दी तो उनको यकीन नहीं हुआ। हेमलता के परिजनों ने बताया कि वह कई माह से गायब है जिसकी रिपोर्ट थाना सिकन्दरा में दर्ज है। हेमलता के परिजन लखनऊ से हेमलता को ले आए.
अमर उजाला, आगरा 13.04.12 
अमर उजाला, आगरा ०2.05.12 


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