मानव तस्करों के चंगुल से बचाया बालक #NareshParas


 
नरेश पारस ने एक 12 वर्षीय बच्चे को तस्करी होने से बचा लिया। बच्चे को ​बाल श्रमिक बनने से बचा लिया। बच्चे को मुंबई से काम दिलाने के बहाने लाया जा रहा था लेकिन नरेश पारस की सक्रीयता के चलते ​बच्चे का मानव तस्करों से मुक्त करा लिया। 



घटना 30 मई 2014 रात दस बजे की है। रात करीब नौ बजे नरेश पारस को सूचना मिली कि राजा मंडी रेलवे स्टेशन पर दो युवक एक बच्चे को तस्करी करके ले जा रहे हैं। वह उसके साथ मारपीट भी कर रहे हैं।दो व्यक्ति काम दिलाने के बहाने इस बच्चे को मुंबई से ले आए। रास्ते मेुं उन्होंने इसके साथ मार—पीट इसके पैसे छीन लिए। राजामंडी स्टेशन पर इससे पैर दबबा रहे थे। सूचना पाते ही नरेश पारस तुरंत मौके के पर पहुंचे। नरेश पारस तथा अन्य यात्रियों को अपनी ओर आते देख बच्चे को लाने वाले लोग भाग गए। उसी समय लखनऊ—आगरा इंटरसिटी आई थी। यात्रियों की भीड़ का फायदा उठाकर तस्कर भाग गए। बच्चे को नरेश पारस ने रेलवे पुलिस के सुपुर्द कर दिया। नरेश पारस ने मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति के सदस्य आनंद कुमार को दी। साथ् ही चाइल्ड लाइन को बुलाकर शेल्टर होम भिजवा दिया। बच्चे को रात करीब 11:45 सुपुर्द कराया जा सका। सुबह बच्चे को बाल कल्याण समिति के आदेश पर फतेहपुर सीकरी स्थित स्वंय सिद्धा आश्रय गृह में आश्रय दे दिया गया है। बच्चे की काउंसलिंग की गई तो उसने अपना नाम अफरीद बताया. बाद में अफरीद को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया.

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