राहुल को दिलाई माँ की छांव #NareshParas


नरेश पारस के साथ जैसे ही राहुल ने मां को पुकारा तो मां उस समय आटा गूंथ रही थी बेटे की आवाज सुनकर जैसे ही मां बाहर आई और लापता बेटे को सामने पाकर भावुक हो गई और बेटे को गोद में ले लिया और माथे को चूमने लगी। मां यह भी भूल गई कि उसके हाथ गीले आटे से सने हुए हैं। जब बच्चे ने याद दिलाई कि मां तुम्हारे हाथ आटे से सने हैं और मेरा चेहरा भी बिगड़ गया है। तब मां को ध्यान आया तब जाकर हाथों को धोया और बेटे के चेहरे को भी। बाद में बच्चे की पसंद के पराठे बनाकर अपने हाथों से खिलाए ।


खटीकपाड़ा निवासी महेन्द्र कुमार का बेटा राहुल उनकी बहन मीना के घर अंबाल से 12 दिसबंर 2013 को लापता हो गया था। उसे कूड़ा बीनने वाले बच्चे दिल्ली ले गए जहां राहुल भी कूड़ा बीनता था। दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर राहुल ने अपना पता आगरा बताया तो पुलिस उसे शाहगंज स्थित राजकीय बाल गृह छोड़ छोड़ गई। नरेश पारस ने जब बच्चे की काउंसिलंग की तो उसने बताया कि वह खटीक पाड़ा रहने वाला है। नरेश पारस राहुल को बाल गृह के कर्मचारी बनवारी लाल की मदद से अपने साथ खटीक पाड़ा ले गए.  बच्चा कई माह से अंबाला में अपनी बुआ के घर रह रहा था इसलिए वह अपना घर भूल चुका था। राहुल अपने घर का पता नहीं पहचान पाया। पूरे दिन बच्चे को खटीकपाड़े की तंग गलियों में घुमाया। आखिरकार बच्चे ने अपने घर को पहचान लिया। जब नरेश पारस जब राहुल को लेकर उसके घर पहुंचे तो राहुल की खाना बना रही थी.जैसे ही राहुल ने माँ कहकर आवाज़ लगाई तो वह दौड़कर चली आई और कलेजे के टुकड़े को देखकर चूमने लगी. मन ने अपने हाथों से खाना बनाकर राहुल को खिलाया. बच्चे की मां अनीता ने बताया कि यह मेरा सगा बेटा नहीं हैं। मेरे पति ने इसे गोद लिया था। इसके लापता हो जाने से हम बहुत परेशान थे। अनीता ने राहुल को देखकर कहा कि कितना दुबला हो गया है। कुछ खाने को मिलता था या नहीं, राहुल भी भावुक हो रहा था दोनों की आंखों से आंसू बह रहे थे। मां अनीता ने राहुल को खूब प्यार किया और अपने हाथों से भरपेट खाना खिलाया। वह नरेश पारस को धन्यवाद देते नहीं थक रहीं थी। राहुल के पिता शहर से बाहर थे। उन्हें भी राहुल के मिलने की जानकारी दी। राहुल को देखने के लिए पड़ौसियों की भीड़ जमा हो जुट गई थी। 5.०3.2014 को बाल कल्याण समिति के आदेश से राहुल को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया.


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