तीन माह बाद मां मिल आंचल में चहकी बेटियां #NareshParas



इलाज कराने भरतपुर ले गर्इ थी मां
नि:संतान दम्पतित ने की थीं अगवा
एक भरतपुर में तो दूसरी मिली मथुरा

तीन माह पूर्व बिछुड़ी बेटियां जब मां से मिलीं तो आंचल में छुप गर्इं। मां भी खुशी के मारे फूली नहीं समा रही थी। बिछुड़ी बेटियाें को पाकर उसे ऐसा लग रहा था मानो सारे जहां की खुशियां उसे मिल गर्इ हों। भरतपुर से लापता हुर्इ दो बेटियां आखिरकार शाहजहां को मिल ही गर्इं। 

सिकन्दरा आवास विकास कालोनी सेक्टर दस सिथत झुग्गी में रहने वाली शाहजहां की दो बेटियाें  गुडि़या (दो वर्ष) तथा नेहा (छह माह) को तीन माह पूर्व निमोनया हो गया था, जिसका इलाज कराने वह हेलक, भरतपुर ले गर्इ थी। वह अपनी दो बेटियों को एक बुढि़या के पास छोड़कर लघुशंका को चली गर्इ लेकिन जब वह लौटी तो बेटियां गायब थीं। उसने काफी खोजबीन की लेकिन बेटियां नहीं मिलीं। 
 नरेश पारस ने इस मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस तथा बाल आयोग से की तथा महिला के साथ भरतपुर जाकर छानबीन की, तो पता चला कि उसे नगला तुषार, डींग भरतपुर निवासी दो सगे भाइयों और उनकी पतिनयों ने अगवा कर लिया था। संस्था के दबाव के चलते बड़ी बेटी गुडि़या को तो बापस कर दिया गया लेकिन छोटी बेटी नेहा को नि:संतान दम्पतित पप्पी की पत्नी रेखा अपने मायके बल्देव, मथुरा ले गर्इ। 

बच्चियों को बरामद कराने के लिए नरेश पारस ने शाहजहां को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कराया। बाल कल्याण समिति ने एसएसपी मथुरा को पत्र जारी कर दिया। पत्र के साथ शाहजहां ने मथुरा पुलिस से संपर्क किया लेकिन पुलिस ने उसकी कोर्इ मदद नहीं की। अंत में नरेश पारस शाहजहां को आर्इजी कार्यालय ले गए। आर्इजी कार्यालय से बल्देव, मथुरा थाना प्रभारी को फोन पर बालिका को मुक्त कराने के आदेश जारी किए। शाहजहां ने बल्देव पुलिस से संपर्क किया। नरेश पारस ने बल्देव पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। बल्देव पुलिस ने शाहजहां के साथ रेखा से संपर्क किया तो छोटी बेटी नेहा रेखा के पास ही मिली। पुलिस ने रेखा से बेटी लेकर शाहजहां के सुपुर्द करा दी। नेहा को देने में रेखा भी आना-कानी कर रही थी, उसने स्वीकार किया कि नेहा शाहजहां की बेटी है। वह नि:संतान है। बच्ची को पालने की नियत से वह उसे लेकर आर्इ थी। तीन माह पूर्व लापता हुर्इ बच्ची को पाकर शाहजहां बहुत खुश हुर्इ। 


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