पीड़ित नेपाली महिला को कराया समाज के सुपुर्द #NareshParas


1 अप्रैल 2016 को आगरा के एम जी रोड सुरूर बार के पास फुटपाथ पर एक नेपाली महिला अपने बच्चों को बुरी तरह से पीट रही थी.उसके आस-पास काफी भीड़ जमा थी.वह महिला सब पर पत्थर फेंक रही थी.किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि उस महिला से उसके बारे में पूछ सके.कोई कोशिश भी करता तो महिला उस पर पत्थर फेंक देती थी और अपने बच्चों को बार-बार पीट रही थी.उसके पास तीन बच्चे थे.सूचना मिलने पर नरेश पारस पहुँच गए.नरेश पारस ने महिला से बात करने की कोशिश की लेकिन महिला गलियां देते हुए पत्थर फेंके.




पत्थरों से बचते हुए नरेश पारस ने फिर पूछने की कोशिश की.कई बार पूछने और काफी प्रयासों के बाद महिला बताने के लिए तैयार हो गई.महिला ने अपना नाम कोपिला नेपाल की रहने वलोई बताया.उसने बताया कि उसके पति सिकंदरा की एक फैक्ट्री में काम करते थे.एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई.कंपनी ने उनके नाम बैंक में खाता खुलवा दिया है और मुआवजे के कुछ पैसे डाल दिए हैं. उन्ही को लेने आई थी लेकिन बस से उतारते ही भगवान टाकिज के पास कुछ लोग उसके पीछे पैड गए वह उसके साथ अश्लील हरकत करने लगे.वह उनसे बच्चे के लिए यहाँ तक आ गई.किसी ने उसकी नहीं सुनी.अंत में उनसे बचने के लिए उसने अपने बच्चों को पीटना और लोगों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया.



नरेश पारस ने लखनऊ आशा ज्योति केंद्र फोन करके रेस्क्यू टीम को बुलाया.आशा ज्योति केंद्र की टीम उसे केंद्र ले गई.नरेश पारस ने नेपाली एकता समाज के अध्यक्ष को बुला लिया और उनके सुप्रुर्द कर दिया.अगले दिन उसे मुआवजे के पैसे दिला दिए गए.

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