दो सिर वाले बच्चे का कराया आपरेशन #NareshParas




जगदीशपुरा की मलिन बस्ती में रहने वाला पप्पू पुत्र स्व0 डालचन्द के घर 04 अप्रैल 2011 को एक विचित्र बच्चे ने जन्म लिया जिसके सिर के पीछे एक दूसरा सिर जुड़ा था। लोग उसे दैवीय चमत्कार मान रहे थे तो काई उसे प्रकोप मान रहा था। उसे देखने के लिए दूर - दूर से लोग आ रहे थे। उसकी नुमाइस लगाई जा रही थी। पप्पू ने अपने बच्चे को एस एन मेडीकल कालेज आगरा में भी दिखाया लेकिन डाक्टरों ने भी जबाब दे दिया कहा कि इसका आपरेशन किया जा सकता है लेकिन उसमें भी बच्चे के बचने की कोई गारण्टी नहीं है। आपरेशन का खर्च भी करीब 30 हजार बताया तथा उसे अस्पताल से भगा दिया गया। रिक्सा चलाकर बमुश्किल अपने परिवार का पालन करने वाल पप्पू के सामने बच्चे का इलाज एक चुनौती बन गया। इसलिए उसने बच्चे को अपने हाल पर छोड़ दिया। बच्चे के सिर के पीछे का दूसरा हिस्सा भी बढ़ता जा रहा था। जब नरेश पारस को इस बच्चे के बारे में सुना तो उसके घर जाकर बच्चे का हाल जाना उन्होने पप्पू से कहा कि तुम्हारा बच्चा ठीक हो सकता है इसका मैं प्रयास करूगाँ। नरेश पारस ने बच्चे को अपने प्रयासों से 12 अप्रैल 2011 को एस एन अस्पताल में भर्ती कराया। उसका इलाज शुरू हो गया। एकदिन इलाल करने के बाद डाक्टरों ने अपना पल्ला झाड़ते हुए उसे फिर एस एन से निकाल दिया। नरेश पारस ने इसकी शिकायत डीएम से कर दी तो उन्होने एस एन मेडीकल कालेज प्रशासन पर जांच बैठा दी और कार्यवाही के निर्देश जारी कर दिये। उधर नरेश पारस ने एक निजी अस्पताल के डाक्टर विक्रम अग्रवाल से संपर्क कर बच्चे का इलाज करने का अनुरोध किया तथा इलाज में सहायता की विनती की। डाक्टर ने नरेश पारस का अनुरोध स्वीकार कर लिया और बच्चे को भर्ती करने की स्वीकृति दे दी। नरेश पारस ने बच्चे को कमला नगर के डाक्टर विक्रम अग्रवाल के अस्पताल में भर्ती करा दिया। दो दिन बाद बच्चे का आपरेशन किया गया। आपरेशन सफल रहा। डाक्टर विक्रम अग्रवाल ने आपरेशन पूरी तरह से निःशुल्क किया तथा अस्पताल का भी कोई शुल्क नहीं लिया। आज बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और खेलकूद रहा है। आज भी नरेश पारस जैसे लोग भारत में हैं जिनका दिल दूसरों के लिए धड़कता है।

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