स्टेशन पर जन्मा बच्चा, अस्पताल से भगाया, नरेश ने कराया इलाज #NareshParas
स्टेशन
पर जन्मा बच्चा, अस्पताल से भगाया, नरेश ने कराया इलाज
यूँ तो हर व्यक्ति को इलाज मुहैया कराये जाने का सरकार वादा करती है लेकिन सरकारी अस्पतालों में हालत बिल्कुल उल्टी है.एक महिला ने स्टेशन पर बच्चे को जन्म दिया.इलाज कराने अस्पताल पहुंची तो धरती का भगवान कहे जाने वाले डाक्टरों ने इलाज करने के बजाय उसे भगा दिया.नरेश पारस ने मामला उठाया तो उसका इलाज हो सका.उसके बाद स्वस्थ करके महिला को घर भिजवाया.
दिनांक 8 अप्रैल 2017
को
पटना
दरभंगा जिले की रहने वाली 35 वर्षीय सविता पत्नी गोपाल राजस्थान जा
रही थी। अपने
मायके बिहार से ससुराल धौलपुर आदर्श नगर जा रही थी। वह गर्भवती थी।
आगरा आते ही उसे प्रसव पीड़ा होने लगी। राजामंडी स्टेशन पर वह उतर गई। स्टेशन पर ही
उसने बच्चे को जन्म दे दिया। लोगों की मदद से वह एस एन मेडिकल कालेज के स्त्री एवं
प्रसूति विभाग में उसे भर्ती करने से मना कर दिया। महिला बच्चे को लेकर इमरजेंसी
गयी। वहां भी उसका ईलाज करने से मना कर दिया। यह
कहकर उसका इलाज करने से मना कर दिया कि उसके साथ कोई तीमारदार नहीं है। उसे भगा
दिया गया। सविता अपने बच्चे को नाल के साथ इमरजेंसी लेकर गई लेकिन वहां भी डाक्टरों
ने उसको भर्ती नहीं किया। वह बच्चे को लेकर इमरजेंसी के बाहर रोने लगी।
जानकारी
मिलने पर नरेश पारस महिला को लेकर एस एन के स्त्री रोग विभाग पहुंचे उच्च
अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद महिला को स्त्री रोग विभाग और बच्चे को बाल रोग
विभाग के एन आई सी यू में भर्ती कर लिया। महिला एवं बच्चे की एस एन के डाक्टरों
द्वारा की गयी। बच्चे के इलाज में नरेश पारस ने मदद की.कई एन आई सी यू में भर्ती
रहने के बाद बच्चा स्वस्थ हो गया.सोमवार 17
अप्रैल
को उसे छुट्टी दे दी गई.सोमवार को एंबुलेस के सहयोग से सविता को उसके घर धौलपुर, आदर्श नगर उसके घर भेज दिया गया। महिला
के पति शराब की भट्टी पर काम करता है.वह कंजड बस्ती में रहते हैं.जच्चा और बच्चा
दोनों स्वस्थ हालत में घर पहुंचे.महिला घर बापस देखकर गाँव वाले बहुत खुश हुए.
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