मणिपुर की अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सिंग खिलाडी से दिल्ली में ठगी, नरेश पारस ने भिजवाया घर #NareshParas

भोली सूरत और दिल के खोटे फिल्मी गीत के ये मुखड़े आज के हालात पर सटीक बैठते हैं। भोली सूरत देखकर लोग झूठे जाल में फंस जाते हैं, जहां सब कुछ लुटाने के बाद वहां से निकलना मुश्किल हो जाता हैं। पुरूष ही नहीं स्त्रियां भी इस काम में पीछे नहीं हैं। ऐसी ही एक घटना मणिपुर की अंर्तराष्ट्रीय बॉक्सिंग खिलाड़ी थोई चानु के साथ घटी। 17 वर्षीय इस किशोरी को दिल्ली हवाई अड्डे पर एक युवती मिली, जिसने उसके साथ सफर करने का प्रस्ताव रखा। वह अपनी बातों में फंसाकर उसे अपने घर ले गई। खिलाड़ी से पैसे, एटीम, पासपोर्ट आदि छीनकर चंपत हो गई। खिलाड़ी किसी तरह आगरा पहुंची लेकिन वहां भी वह आश्रय गृह में रहने को मजबूर हो गई। 12 दिन तक उसकी किसी ने सुध नहीं ली। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस की पहल पर वह अपने घर पहुंच सकी।


 मणिपुर की रहने वाली बॉक्सर और गोल्ड मेडलिस्ट थोई चानू 12 दिन से आगरा के आशा ज्योति केंद्र में रह रही थी । उसके पिता ने भी उसे लेने आने से इनकार कर दिया है। आरोप है कि उसकी दोस्त ने उसे मणिपुर से चैन्नई ले जाने के बहाने बुलाया और उससे पैसे, फोन व पासपोर्ट ले लिया और दूसरे डिब्बे में सीट का बहाना कर के भाग गई। रेलवे पुलिस ने उसे चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया, जहां से अब वह आशा ज्योति केंद्र में है। थोई चानू अपने घर जाना चाहती थी । आशा ज्योति केंद्र प्रभारी ने चानू के पिता से बात की तो उन्होंने चानू को लेने से मना कर दिया, क्योंकि कुछ दिन पहले उसने तीसरी शादी करने पर उनकी जबरदस्त पिटाई की थी।




चानू ने बताया, ’मां के बाद पिता ही उसका सहारा थे, लेकिन वो भी दूसरी महिलाओं के चक्कर में आ गए। करीब एक साल पहले उसके पिता ने तीसरी शादी कर ली। नई मां उसके साथ अच्छा बर्ताव नहीं करती थी। पिता भी मां का पक्ष लेते थे। एक दिन मां का पक्ष लेने पर उसने पिता से गुस्सा जताया तो पिता उसे ही डांटने लगे। इसी कारण उसने पिता की तीसरी शादी का गुस्सा उतारते हुए उनकी पिटाई कर दी।’ मणिपुर की थोई चानू 11 साल की उम्र में नेशनल बॉक्सिंग में गोल्ड जीत चुकी है। उसे अक्टूबर में अमेरिका में बॉक्सिंग की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जाना है। उसने बताया, 20 दिन पहले हरियाणा में बास्केटबॉल खिलाड़ी और उसकी दोस्त तनु से उसकी बात हुई थी। तनु से उसकी दोस्ती प्रतियोगिताओं के दौरान हुई थी। थोई चानू ने बताया, उसने तनु को बातों बातों में बताया था कि उसके पापा ने तीसरी शादी कर ली है। उसकी मां उसको परेशान करती है। इसलिए वह अपनी बहन के पास चैन्नई जाने वाली है, लेकिन यहां से उसका टिकट नहीं हो पा रहा है। तनु ने उससे कहा कि तुम दिल्ली आ जाओ। यहां से मैं भी चैन्नेई जाऊंगी। दोनों साथ चलेंगे। चीनू बातों में आकर दिल्ली पहुंच गई। जहां से वह तनु के कहने पर उसके पास हरियाणा चली गई। इसके बाद तनु ने 21 अगस्त को उससे पलवल चलने के लिए बोला। दोनों पलवल जाने के लिए ट्रेन में चढ़ गई। भीड़ अधिक होने के कारण तनु ने दूसरे डिब्बे में शिफ्ट होने लिए जगह देखने की बात कही। उसका बैग और मोबाइल भी ले लिया। उसने दूसरे के फोन से उससे संपर्क किया तो बोली मैं इसी ट्रेन में हूं। पलवल आने के बाद तनु ट्रेन में नहीं मिली।



चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस ने आशा ज्योति केन्द्र जाकर किशोरी से बातचीत की तो उसने कहा कि वह घर जाना चाहती है लेकिन उसके पास न तो पैसे हैं और न कोई साधन। नरेश पारस ने आशा ज्योति में बात की तो उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी आदेश करें तो वह चानू को उसके घर मणिपुर भिजवा सकते हैं। नरेश पारस ने मामला आगरा के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया। नरेश पारस ने मणिपुर के बाल अधिकार संरक्षण आयोग से बात कर पूरा मामला बताया। नरेश पारस ने चानू की बात बाल आयोग से कराई। बाल आयोग ने चानू की हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आशा ज्योति केन्द्र की टीम को आदेश जारी किए
कि वह चानू को उसके घर मणिपुर सुरक्षि छोड़कर आए। आशा ज्योति केन्द्र की टीम चानु को उसके घर मणिपुर सुरिक्षण छोड़कर आई।
अमर उजाला, आगरा 
दैनिक जागरण आगरा





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