सड़क पर फेंकी गर्भवती महिला को दिलाया आश्रय, दिया पुत्र को जन्म #NareshParas
सड़क पर फेंकी गर्भवती महिला को दिलाया आश्रय, दिया पुत्र को जन्म
सच ही कहा है कि जाको राखे साईंयां मार सके न कोई... कुछ ऐसा ही आगरा में हुआ। एक गर्भवती महिला को ट्रक चालक सड़क पर फेंक गया। बदहाल हो चुकी इस भूखी प्यासी महिला को सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने आश्रय दिलाया। उसके बाद महिला ने सुंदर बच्चे को जन्म दिया। आइए जानते हैं पूरी कहानी...
गर्भवती महिला को सड़क पर फेंका
आगरा के थाना सिकंदरा अंतर्गत बावरपुर में एक ट्रक चालक एक गर्भवती महिला को छोड़ गया था। बदहवास हालत में भटक रही थी। वह खुले में रहने को मजबूर थी। भाषा से वह बिहार की लग रही है। वह बहुत डरी हुई और आक्रोशित थी। उसके साथ कुछ गलत हुआ है लेकिन भाषा की अनभिज्ञता के कारण वह बता नहीं पा रहा थी, उसे ईलाज और आश्रय की जरूरत थी। वह खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर थी। जानकारी मिलने पर सोशल एक्टिविस्ट महिला से मिलने पहुंचे। उससे बात की लेकिन भाषा समझ नहीं आई। डीएम तथा पुलिस मुख्यालय से महिला को आश्रय दिलाने के लिए ट्वीट किया। मुख्यालय से महिला को आश्रय दिलाने के निर्देश जारी किए लेकिन आगरा पुलिस ने खास रुचि नहीं दिखाई।
बीस घंटे बाद मिला आश्रय
जब बीस घंटे बाद भी महिला को आश्रय नहीं मिला तो नरेश पारस ने पुनः डीजीपी को ट्वीट कर महिला को आश्रय दिलाने और ईलाज की मांग की। उन्होंने कहा महिला गर्भवती होने के कारण कमजोर भी है। वह असुरक्षित है, उसके साथ कोई अप्रिय घटना घट सकती है। पुलिस मुख्यालय से फिर आदेश जारी किए गए। पुलिस कंट्रोल रूम से सिकंदरा पुलिस को निर्देशित किया गया। नरेश पारस खुद बावरपुर पहुंचे और थाना सिकंदरा पुलिस के साथ उसे रामलाल आश्रम में आश्रय दिलाया। नरेश पारस ने प्रशासन को बताया कि कुछ दिन पहले फिरोजाबाद में ट्रक चालक एक गर्भवती महिला को छोड़ गया था। उसके बाद आगरा में यह गर्भवती महिला मिली है। उसकी उम्र लगभग 22 वर्ष है। इसका समुचित ईलाज और देखभाल की जरूरत है।
चैकअप के बाद पता चला कि महिला साढ़े पांच माह की गर्भवती है। महिला का नियमित चैकअप होता रहा। साढ़े तीन माह बाद दीवाली से दो दिन पहले नवदीप हास्पिटल के संचालक दम्पति डा.सुनील शर्मा और डा.अनुपमा शर्मा ने इस महिला का सुरक्षित नार्मल प्रसव कराया। एक स्वस्थ बच्चे ने जन्म लिया। यह बच्चा नरेश पारस के लिए दीवाली का खूबसूरत तोहफा बनकर आया । बच्चे को देखकर वह बहुत खुश थे। इस बच्चे को बाल गृह तथा मां को मानसिक चिकित्सालय में ईलाज के लिए भिजवाया। ईलाज का पूरा जिम्मा आगरा विकास मंच ने लिया।
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