पिता ने इंस्टाग्राम पर वीडियो डालने से रोका तो छात्रा ने छोड़ा घर, मुसीबत में फंसी #NareshParas

सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर एक्टर-एक्ट्रेस बनने की चाहत युवाओं के लिए खतरे का सबब बनती जा रही है। थ्रू आउट इंग्लिश बोलने वाली कक्षा 11 की छात्रा को नहीं पता था कि उसके साथ क्या अनहोनी हो सकती है। वह तो चकाचौंध वाली दुनिया में सपनों के पंख लगा कर उड़ना चाहती थी।सोशल मीडिया पर वीडियो डालने के शौक ने छात्रा तथा उसके परिवार को परेशानी में डाल दिया। उसकी नासमझी के कारण वह गलत हाथों में जाने से बाल-बाल बची। छात्रा अपना वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर अपलोड करती थी। पिता को यह अच्छा नहीं लगा तो उन्होंने पाबंदियां लगा दीं। छात्रा बाहर की दुनिया देखना चाहती थी। एक्ट्रेस बनना चाहती थी। परिवार की बंदिशों से बचने के लिए उसने घर छोड़ने का फैसला ले लिया और बिना परिजनों को बताए ट्रेन में बैठ गई। ट्रेन में उसे शोहदों ने घेर लिया। कोई नौकरी लगवाने का बहाना देने लगा तो कोई एक्ट्रेस बनाने का।अपनी उड़ान की चाहत में  छात्रा उनकी बातों में फंसती चली गई। हालांकि आगरा के एक व्यापारी की सूझ बूझ और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस की समाज के प्रति जिम्मेदारी के कर्तव्य ने युवती को गलत हाथों में जाने से बचा लिया।

हुआ यूं कि एक छात्रा बिना टिकट चंबल एक्सप्रेस में यात्रा कर रही थी। वह गुमसुम बैठी थी। उसके आसपास के लोगों ने भांप लिया और इस दौरान शोहदे उसे तंग करने लगे।इतना ही नहीं उसे प्रलोभन देने लगे। कुछ मानव तस्कर भी सक्रिय हो गए। वह उस युवती के पीछे लग गए। इसी ट्रेन में आगरा के व्यापारी अरविंद झा सफर कर रहे थे। उन्होंने लोगों को रोका और तत्काल आगरा के सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस को फोन पर पूरी जानकारी दी। नरेश पारस ने आगरा कैंट स्टेशन पहुंच कर युवती को ट्रेन से उतार लिया। पूछताछ करने पर छात्रा ने बताया कि वह रांची में अपनी बुआ के यहां रहकर पढ़ती है। उसका परिवार दिल्ली रहता है। नरेश पारस ने युवती की बात परिजनों से कराई। वह बुआ के साथ जाने को तैयार हो गई। आधार कार्ड देखने पर बालिग पाई गई। बुआ के आने तक युवती को सुरक्षित रखने के लिए नरेश पारस ने रेल मंत्रालय, जीआरपी तथा आरपीएफ को ट्वीट किया।जीआरपी हेड क्वार्टर के आदेश पर आरपीएफ थाने में युवती को पुलिस ने महिला आरक्षी की देखरेख में रखा। सुबह करीब दो बजे युवती की बुआ को आरपीएफ ने लिखा पढ़ी के बाद उसे सुपुर्दगी में दे दिया। युवती और उसकी बुआ पुलिस और सोशल एक्टिविस्ट को बार बार धन्यवाद दे रही थी। समय रहते लड़की को बचा लिया गया अन्यथा लड़की गलत हाथों में जाकर अपना भविष्य चौपट कर सकती थी। यह सीख है उन युवाओं के लिए जो एक्टर -एक्ट्रेस बनने की चाहत में अपना घर छोड़ देते हैं और मुसीबत में फंस जाते हैं।

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